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मेरा विश्व कप का अनुभव : नन्हें युविर की कलम से

by युविर अग्रवाल - 19/12/2025

11 साल की उम्र में आपने शतरंज में ग्रांड मास्टर्स बनते तो सुने होंगे पर क्या आपने इस खेल को आप तक पहुंचाने वाले किसी नन्हें पत्रकार के बारे में सुना है ? चौंकिए मत ! हम आपको मिलवाते है 11 साल के नन्हें पत्रकार युविर अग्रवाल से जो फीडे विश्व कप में पहुंचे थे इस विश्व कप को नजदीक से देखने , इसका अनुभव लेने और विश्व स्कूल संघ के लिए इस पर लेख भी लिखने के लिए । दिल्ली के रहने वाले 11 साल के युविर फीडे रेटेड खिलाड़ी है और खेल की समझ रखते है । आइये देखते है कैसा रहा युविर का विश्व कप का सफर ! क्या उनकी मुलाक़ात विश्व कप विजेता से हुई ? जानते है खुद युविर से इस लेख में !



मेरा फीडे विश्व कप गोवा का अनुभव

नमस्ते, दोस्तों! यह लेख मैं युविर अग्रवाल लिख रहा हूँ। मैं 11 वर्ष का हूँ और एक पत्रकार के रूप में फीडे विश्व कप के अंतिम मुकाबलों मतलब प्ले ऑफ में गया था। मैं और मेरा परिवार 22 तारीख की रात को गोवा के रियो रिसोर्ट पहुँचे थे।

दस मिनट भी नहीं हुए होंगे कि हमें उज़्बेक्सितान के जावोखिर सिंदारोव मिल गए! क्या ही किस्मत थी मेरी! जावोखिर जी तो शुरू से ही इस प्रतियोगिता में मेरे आदर्श थे। उस रात, उत्सुकता से भरा, मैं सो ही नहीं पाया।

अगले दिन से मेरा काम भी शुरू हो गया। वैसे तो इसे काम क्या कहूँ जो इतना मज़ेदार था! पहले मैंने प्रवेश का एक छोटा सा संकेत बनाया। और फिर मुझे अपना एक बहुत पक्का मित्र मिला, बोबोजान, जो युज़-चेस के लिए काम करता है। थोड़ी देर बातचीत हुई और फिर हमने थोड़ा सा खेला भी। उसके बाद मैं प्रतियोगिता कक्ष भी गया, जहाँ मुझे एक-दो विडियो बनाने थे । दस मिनट के एक विराम में, जब मैं भोजन कर रहा था, तो मुझे संयोग से हंगरी और विश्व शतरंज के महान खिलाड़ी पीटर लेको जी भी मिले।

आपको बता दूँ की वह विश्व विजेता को चुनौती देने वालों में से एक है । उन्होंने व्लादिमीर क्रैमनिक के विरुद्ध एक बेहद कड़ा मुकाबला खेला था । मैंने और मेरे पिताजी ने उनसे एक साक्षात्कार लिया। बीच में मैं इतना बेचैन हो गया था कि मेरे मुँह से शब्द ही नहीं निकल रहे थे! उसके बाद हमें वापस प्रतियोगिता कक्ष जाना पड़ा। वहाँ पर मैंने थोड़े से और विडियो बनाए और तस्वीरें लीं, और ऐसे लगा कि हमारा समय एक चुटकी में खत्म हो गया। बीस मिनट बाद प्रशंसक क्षेत्र के दरवाज़े खुले और मैं भागा, क्योंकि मुझे सागर जी से मिलना था। मैं उनके वीडियो हर दिन देखता हूँ और वह मुझे बहुत प्रेरणा देते हैं! बड़े होकर मुझे उनके जैसा ही बनना है। हर प्रश्न पर मैंने हाथ उठाया, लेकिन फिर से हमें जाना पड़ा।

खेल खत्म हो रहे थे। आंद्रे एसिपेंको, वी यी के विरुद्ध थोड़ा बेहतर था, और जावोखिर सिंदारोव ने नोदिरबेक याक़ुबोएव से बराबरी पर समाप्त किया (वह पहले खेल में जीत गए थे), तो वह आगे बढ़ गए। आंद्रे एसिपेंको और वी यी के खेल में ऐसे लग रहा था कि एसिपेंको जीत ही जाएगा। उसके पास 2 प्यादेअधिक थे, लेकिन फिर अचानक वी यी ने एक शानदार चाल Ne3 ढूँढी, जहाँ एक खाने और हाथी पर दोहरा आक्रमण हुआ। हम बहुत कम ही देखते हैं कि मोहरे खाने पर दोहरा आक्रमण कर रहे हैं। सबको लगा कि आंद्रे हाथी हटाएगा और खेल चलेगा,

लेकिन नहीं! उसने खाना तो बचा लिया लेकिन हाथी का क्या? हाथी देने के बाद तो खेल में कुछ रहा ही नहीं, और वी यी जीत गया। सबका दिल धड़क-धड़कते रुक गया।

उस खेल के बाद सबका हौसला खत्म हो जाता। उसके बाद मैंने एक साक्षात्कारअंतर्राष्ट्रीय निर्णायक अनास्तासिया सोरोकिना का किया, जोकी इस प्रतियोगिता की एक निर्णायक हैं। इस थकाऊ दिन के बाद मैं और मेरा परिवार रात का भोजन खाने चले। खाते-खाते हमें एक दूरभाष आया कि जावोखिर जी के साथ साक्षात्कार है। बिना सोचे हम जल्दी से स्थल पर पहुँचे और तैयार हुए। जावोखिर जी बहुत खुश थे क्योंकि वह अंतिम चरण में पहुँचे। इस साक्षात्कार में मुझे बहुत ही ज़्यादा मज़ा आया! और इसके बाद यह दिन का अंत आया।

दूसरा दिन

सुबह उठने के बाद मैं जल्दी सुबह का भोजन करने गया। वहाँ फिर से पीटर जी मिले। वे एक और साक्षात्कार के लिए पूछ रहे थे, तो हमने दोपहर के भोजन का समय तय कर लिया। मेरा बहुत मन कर रहा था कि मैं बोबोजान से मिलूँ, इसलिए हम सब मीडिया केंद्र गए थोड़ा काम करने।

वापस आने पर देखा कि प्रतियोगिता की तैयारी चल रही है। पूछने पर पता चला कि एक मीडिया शतरंज प्रतियोगिता आयोजित हो रहा है, तो मैंने भी अपना नाम डाल दिया। बहुत मज़ा आया मैंने तो निखिलेश जी के साथ भी खेला!

प्रतियोगिता के बाद मुझे पीटर जी का साक्षात्कार लेना था, तो वह किया। फिर महान खिलाड़ी अभिजीत कुंटे जी से भी कुछ तीव्र गति के प्रश्न पूछे। इसके बाद हमें स्विमिंग पूल क्षेत्र के पास महिला अंतर्राष्ट्रीय मास्टर चार्लीज़ वैन ज़ाइल के साथ एक छोटा सा विडियो बनाना था।

यह काम पूरा होने के बाद थोड़ा समय मिला प्रशंसक क्षेत्र जाने का। वहाँ मैंने बॉब के साथ युज़चेस के लिए एकविडियो बनाया और सागर जी की व्याख्या सुनी।

शाम 5:30 बजे मुझे निखिलेश सर से उनके कमरे में मिलने जाना था। मुझे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि मुझे क्या अनुभव होने वाला है।जैसे ही मैं अंदर गया, मुझे उनके बगल में बैठने के लिए कहा गया। मेरा दिल ज़ोर से धड़क रहा था और मेरे चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान थी। उन्होंने मुझसे मेरे पत्रकारिता के सपनों के बारे में पूछा और मुझे लाइव मैचों पर टिप्पणी करने का मौका भी मिला। लाइव प्रसारण में होना मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा था।

थोड़ी देर क्रिस्टोफ़र इंडिचेस के संस्थापक से भी बात हुई।

तब तक वी यी और जावोखिर का खेल बराबरी पर समाप्त हो गया था और आंद्रे एसिपेंको ने नोदिरबेक याक़ुबोएव के विरुद्ध जीत हासिल की। इसके बाद सारा काम खत्म हो गया था, तो मैं संचार कक्ष में बैठकर देख रहा था और स्थल घूम रहा था। जावोखिर मेरा आदर्श विश्व कप जीत गया था , इससे बेहतर यात्रा का अंत क्या हो सकता था !

करीब आठ बजे हम रात के भोजन पर गए—और इस बार पूरा खत्म कर पाए! और इसी के साथ मेरी यह यात्रा समाप्त हुई।

लेखक के बारे में !

भारत की राजधानी के रहने वाले युविर अग्रवाल की उम्र 11 साल है और वह शतरंज में एक बड़ा पत्रकार बनना चाहते है । फीडे रेटेड खिलाड़ी अपनी उम्र के अनुसार युविर खेल की अच्छी समझ रखते है और हमें खुशी है की उन्होने हिन्दी चेसबेस इंडिया के लिए यह लेख लिखा ! हमें और आपको युविर के अगले लेख का इंतजार रहेगा !




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